Sunday, March 22, 2009

Super-Natural / Alokik

सुपर-नेचुरल / अलौकिक

श्री दीपक श्रीवास्तव , आईटी सपेस्सिअलिस्ट ने पिछले दिनों मनोरंजक घटना सुनाई. उनके परिवार के साथ उनके आध्यात्मिक गुरु से चर्चा चल रही थी. गुरूजी ने बड़े भाई को छड़ी उठाने के लिए कहा पर बड़े भाई नही उठे. गुरूजी ने २-३ बार छड़ी उठाकर देने को कहा पर वह नही उठे. सबको आश्चर्य हो रहा था कि भाई साहिब गुरूजी की आज्ञा का पालन क्यों नही कर रहें हैं. तभी गुरूजी ने कहा ठीक हे में ख़ुद ही उठा लेता हूँ. ऐसा कहकर उन्होंने अपना हाथ छड़ी की तरफ़ बड़ा दिया. छड़ी उनसे काफ़ी दूर रखी थी. सबके आश्चर्य की सीमा न रही जब छड़ी स्वमेव हवा में झूलती हुई धीरे धीरे गुरूजी के पास आ गई.
यह अलौकिक शक्ति / सुपर नैचुरल पॉवर का चमत्कार था.यह चमत्कार सिद्ध पुरूष केवल अपने शिष्यों को ही दिखाते हैं आम जन को नही. मेरे गुरूजी शिष्यों द्वारा लाये सामान में से जिसकी उन्हे जरुरत होती है , हाथ में लेकर बता देते हैं कि फलां यह जो समान लाया है इसकी मुझे जरुरत थी.

श्री----- एक मल्टिनेशनल pharma कंपनी में ऊँचे पद पर हैं. मेरे ऑफिस में आए और बताया कि उनकी बेटी के साथ विचित्र घटनाए होती है. उसका सामान गायब हो जाता है. अलमारी में ताले लगाकर रखो तब भी. लड़की एकदम सूख गई है. कुंडली में देखा तो प्रेत प्रभाव स्पष्ट था . उन सज्जन ने बताया कि पहले वह एक पारसी कब्रिस्तान के पास रहते थे. वहीँ से कोई आत्मा लड़की के साथ चली आई थी. बताये उपाय करने पर लड़की प्रेत प्रभाव से मुक्त हुई .अब स्वस्थ होकर अच्छी सर्विस में है.
कुछ दिनों पूर्व मेरे मित्र कि बुआ ने अपनी पारिवारिक परेशानी बताई. कुंडली घर में बाह्य शक्तिओ का ख़राब प्रभाव बता रही थी. वास्तव में उनका परिवार घर में होने वाली अलौकिक घटनाओ से त्रस्त था. बड़ी लड़की जब भी घड़ी पहनती थी बंद हो जाती थी. घर के एक कमरे से किसी के पुकारने की आवाज आती थी, कुछ दिखता भी था.

कभी नाडी ज्योतिष के यहाँ जाए . नाडी ज्योतिषी आपका जन्म समय बता देगें , वोभी बिल्कुल सही जो आपकी जन्म कुंडली या birth certificate में लिखा होगा. में दावा करता हूँ दुनिया का कोई वैज्ञानिक ऐसा नही बता सकता.यह अलौकिक नही तो क्या है.नाडी ज्योतिष भविष्य नही बता पाते यह मेरा अनुभव है.

होंशियारपुर पंजाब में इस दुनिया में जन्म लेने वाले प्रत्येक मनुष्य की कुंडली उपलब्ध है.होंशियारपुर के एक परिवार के पास भृगु ऋषि द्वारा लिखित भृगु सहिंता है, जिसमे इस दुनिया में जन्म लेने वाले प्रत्यैक व्यक्ति की कुंडली & संछिप्त वर्णन हे. आप भी जाए.

अंत में . जबलपुर कमानिया गेट फवारा चौक पर समोसा ,मंगोङा बेचने वाला देवा प्रतिदिन सांयकाल कढाई में खोलते तेल में हाथ डालकर प्राथना करता है.—अलौकिक --


6 comments:

Unknown said...

ye saari asadharan aur alaukik ghatnaye / chamatkaar he, ye aaj bi is duniya me hote he par hamme se virle log hi isse roobaru ho paate he.............

बाल भवन जबलपुर said...

माधव जी सुपर नेचरल पावर पर पोस्ट की बधाइयां

Typing Gallery said...
This comment has been removed by the author.
Anonymous said...

धरती के बोझ हैं आप या धरती पर अवतार ब्रम्हा जी के, जो ब्रम्ह ज्ञान आप बाँट रहें हैं उसे दिखा कर मुझे आप संतुष्ट कर दें जिन्दगी भर आपके घर झाडू मारूंगा... महाराज मिस्टर झूट के पुलिंदे ... आप जैसे दवेबाज़ कहानीबाज़ मेरे घर परिवार में भी बहोत भरे पड़े हैं, घर से निकलता हूँ तो आधे से ज्यादा आप जैसे लोग ही मिलते हैं मुझे.... मेरी शर्तें लाखों तक पहुच चुकी हैं.... आज तलक कोई भी एक भी घटना वो दिखा नहीं पाया है मुझे जो उसने किसी दूसरे को दिखा दी, वो कहता है मन में श्रध्दा नहीं है आपके शायद ये चमत्कार आपके भक्ती शून्य होने की वजह से आपके सामने घटित नहीं हो पाया....आप तो अभी इतनी कहानियां गढ़ भी नहीं पाएंगे इतनों की और इतने बडो बड़ों की हवा फूस हो चुकी है जब वो दावा मुझ से करते हैं की चलो हमारे साथ हम दिखाते हैं के असली चमत्कार क्या होता है.... और में चल पड़ता हूँ अपनी पूरी विशेषज्ञों की टीम लेकर... आधी हवा तो उनकी रस्ते में और बाकी आधी तब निकल जाती है जब सवालों के और मशीनों के घेरे में वो सिद्ध जगह या बाबा, माता, जिन्, फस जाते हैं एसो ऐसों से हमने माफी मंगवाई है जिनके नाम सुनकर लोग श्रध्दा से अपने कान और मत्थे को छु लेते हैं..... वे पैसे देने की कोशिशें करने से भी बाज़ नहीं आते ये कहते हुए के भाई ये रख लो और कहें तो और दे दूंगा बस बहार किसी को मत बताना" ये इत्ज़त मेने बड़ी मुश्किल से पाई है..... और हम भी पैसों को ठुकरा नहीं पाते इसलिए वे अभी तलक बचे हुए

OSHO Kee nakal said...

धरती के बोझ हैं आप या धरती पर अवतार ब्रम्हा जी के, जो ब्रम्ह ज्ञान आप बाँट रहें हैं उसे दिखा कर मुझे आप संतुष्ट कर दें जिन्दगी भर आपके घर झाडू मारूंगा... महाराज मिस्टर झूट के पुलिंदे ... आप जैसे दवेबाज़ कहानीबाज़ मेरे घर परिवार में भी बहोत भरे पड़े हैं, घर से निकलता हूँ तो आधे से ज्यादा आप जैसे लोग ही मिलते हैं मुझे.... मेरी शर्तें लाखों तक पहुच चुकी हैं.... आज तलक कोई भी एक भी घटना वो दिखा नहीं पाया है मुझे जो उसने किसी दूसरे को दिखा दी, वो कहता है मन में श्रध्दा नहीं है आपके शायद ये चमत्कार आपके भक्ती शून्य होने की वजह से आपके सामने घटित नहीं हो पाया....आप तो अभी इतनी कहानियां गढ़ भी नहीं पाएंगे इतनों की और इतने बडो बड़ों की हवा फूस हो चुकी है जब वो दावा मुझ से करते हैं की चलो हमारे साथ हम दिखाते हैं के असली चमत्कार क्या होता है.... और में चल पड़ता हूँ अपनी पूरी विशेषज्ञों की टीम लेकर... आधी हवा तो उनकी रस्ते में और बाकी आधी तब निकल जाती है जब सवालों के और मशीनों के घेरे में वो सिद्ध जगह या बाबा, माता, जिन्, फस जाते हैं एसो ऐसों से हमने माफी मंगवाई है जिनके नाम सुनकर लोग श्रध्दा से अपने कान और मत्थे को छु लेते हैं..... वे पैसे देने की कोशिशें करने से भी बाज़ नहीं आते ये कहते हुए के भाई ये रख लो और कहें तो और दे दूंगा बस बहार किसी को मत बताना" ये इत्ज़त मेने बड़ी मुश्किल से पाई है..... और हम भी पैसों को ठुकरा नहीं पाते इसलिए वे अभी तलक बचे हुए हैं....

कभी एक वाकया आपने सुना होगा, ओशो की वाणी है हुज़ूर... इसे आप मेरा ना समझें...
एक दिन ट्रेन के रिज़र्वेशन कोच से एक बाबा को टीटी नें स्टेशन पर उतार दिया.... बस बाबा भड़क गए.... ढेर भर बहस हुयी दोनों के बीच टीटी कहे की में बिना टिकट चड़ने नहीं दूंगा बाबा कहे के तेरी ट्रेन मेरे बिगेर चलेगी भी नहीं..... जब बहस विकत रूप अख्तियार करने लगी तो रेलवे पुलिस और यात्रियों की भीड़ जमा हो गयी.... स्टेशन मास्टर ने भीड़ देखते हुए मामला शांत करने की कोशिश की लेकिन अब बाबा अड़ गया, के जाऊंगा तो इसी ट्रेन में उसी सीट पर बैठकर और टी टी से अपमान की माफी मंगवेने के उपरांत वर्ना ट्रेन नहीं चलेगी, जब टीटी माफ़ी मांगने को राजी नहीं हुआ तो बाबा ने तेरे से जो बन जाये तू ट्रेन को ले जाके बता दे... ये ट्रेन तब तक यहाँ से नहीं हिलेगी जब तक के तू मुझसे हाथ जोड़कर माफी मंगाते हुए सीट नहीं देता... टीटी ने जैसे उसकी बात को हवा में उदा दी सिग्नल भी हो गया बाबा से बोला गया जाकर बैठ जाओ ट्रेन चलने वाली है.... मगर बाबा तस से मास नहीं हुआ... सबने सोचा ट्रेन चली जायेगी तब बाबा का मुह देखने लायक होगा.... मगर यह देख के लोग दंग रह गए के दरैवर ने हाथ खड़े कर दिए इंजीनियरों ने करीब एक घंटे माथा फोडी की मगर ट्रेन थी के तस से मास नहीं हो रही थी.... और बाबा मुस्कुरा रहा था..... आखिर को यात्रियों ने देर होती देख टीटी पर दवाब बनाया के वो माफी मांग लें... आखिर को जब सब करकर देख लिया गया पर समस्या पकड़ में नहीं आयी तब स्टेशन मास्टर ने भी यात्रियों के सुर में सुर मिलते हुए टीटी से अपील की के माफी माग लो और इत्ज़त से इन्हें सीट ऑफ़र करो.... आखिरको टीटी भी बाबा के चमत्कार के आगे झुक गया... अब ट्रेन में जैसे ही बाबा चढ़े तब जाकर वो ट्रेन आगे बड़ी.... उस दिन जिन हजारों लोगों ने स्टेशन पर ये चमत्कार फटी हुयी आँखों से देखा था उनके बारे में अपने हर मिलने वाले को बताने लगा देखते देखते बाबा की कुतिया के आगे हर दिन मेले में तब्दील होने लगा.... बाबा ने बहोत सम्रध्धि और रिस्पेक्ट पाई मगर जब उनका आखरी दिन था... उन्हें जब महसूस होने लगा के अब बुढापे की आखरी सीडी पर वो खड़े हैं एक कदम नीचे परलोक है.... तब उनसे उनके एक मात्र चेले ने एकांत में पूछा बाबा मेने आपसे कई बार पूछा है आज तो बता दो के उस दिन आपने वो ट्रेन वाला चमत्कार कैसे किया था ... बाबा ने कहा.... तुझे बता देता हूँ किसी को बताना मत..... उस दिन के लिए वो स्टेशन मास्टर और टीटी को मेने वैसी एक्टिंग करने के लिए पहले से ३ लाख रुपये दे रखे थे..... उन्होंने ट्रेन स्टार्ट ही नहीं की, और सब ये सोचते रह गए की ये में कर रहा हूँ....

Asha Joglekar said...

बहुत ही रोचक जानकारी ।