ज्योतिष प्राचीन ईश्वरीय-ज्ञान है ।
इसे संधि विग्रहीत करने से अर्थ स्पष्ट हो जाता है ज्योति+ईश यानी वह ईश्वरीय ज्योति पुँज जो आपका जीवन पथ प्रकाशमय कर सुगम बनाए और जीवन को सफल बनाए। इसे होरा शास्त्र भी कहा जाता है.... अर्थात काल/समय का शास्त्र जो काल को काल के विभिन्न रहस्यों को उजागर करता है। इसी कारण ज्योतिष-विद इसे "देवज्ञ" कहा है । आप भी यदि ईश्वर के कृपा पात्र हैं तो इस विधा के पारंगत हो सकतें हैं। किंतु सर्वज्ञ होने पर भी हर कोई प्रसिद्द हो ऐसा तभी सम्भव है जब उस जातक की कुण्डली में ऐसे योग हों जिनसे एक व्यक्ति यशस्वी होता है । ज्योतिष ज्ञान के लिए ग्रंथों गंभीर अध्ययन ज़रूरी है। ज्योतिष के सैधांतिक-ज्ञान को गंभीरता से प्रज्ञा-पटल पर अंकित कर देना चाहिए । सफल ज्योतिर्विद बनने के लिए शिव की साधना इस कारण ज़रूरी है क्योंकि यह विद्या शिव के मुखारविन्द से निकली है। और इस विद्या के धारक गणेश के आराधक इस कारण हों क्योंकि "वाक्-चातुर्य" के लिए बुद्धि के देव गणेश का आशीर्वाद ज़रूरी होता है। यानी आप की कम्युनिकेशन स्किल में बाधा या भटकाव न हो ताकि आप लाभार्थी को संदेश सहजता-सरलता से देन सकें ।
इस ज्ञान का मुग़ल काल में राज्य संरक्षण की कमी के कारण कुछ कम ज़रूर हुआ.किंतु कुछ मुग़ल शासकों ने इस ज्ञान का परिरक्षण किया फलस्वरूप यवनाचार्य-कृत "ज्योतिष-ग्रन्थ"आज भी उपलब्ध है।
ब्रिटिश काल खंड में इस विद्या को सर्वाधिक क्षति हुई है। साथ ही साथ ग्रामीण भारतीय पृष्ठ भूमि में अंध विश्वास का सर्वाधिक विकास का अवसर मिला । समकालीन प्रगति शीलता के कारण इस विद्या को हेय भावः से देखा जाने लगा। किंतु आजाद भारत में इसे अकादमिक स्वरुप ही नहीं वरन जन स्वीकृति भी मिली । नई पीडी ने इस ज्ञान को स्वीकारा इस के मूल में इस ज्ञान में वैज्ञानिकता के तत्वों का होना है जिसकी व्याख्या मैं अगले आलेखों में करूंगा। उच्चा पदस्थ श्री के एन राव,ने ज्योतिष के विकास को महत्त्व दिया। साथ ही कम्पयूटर-तकनीकी के इस्तेमाल परिणाम अधिक शीघ्र,सटीक,और आसानी से निकल आने से भी इस विधा / विद्या को सर्वग्राह्यता मिल सकी है। प्लेनेटेरियम भी इस विधा के लिए सहायक हुए । काल-ग्रह की स्थितियों के सटीक मापन का तकनीकी सहयोग मिल रहा है जिसका अभाव ज्योतिष-ज्ञान के लिए नुकसान देह रहा है । अब तो सभी पालक जन्म-समय स्थान के लिए सुविग्य होतें हैं । अब प्रश्न कुंडली के विकल्प कम ही उपयोग करने होते अपवाद स्वरुप कभी कभार मुझे इसका उपयोग करना होता है।
संक्षेप में कहूं तो "यह युग ज्योतिष के पुनर्जागरण का युग है "
(इस आलेख के लेखक श्री माधव सिंह यादव हैं, वे नए ब्लॉगर हैं तथा यूनीकोड लेखन का अभ्यास कर रहें हैं। जब तक वे इस हेतु मेरा सहयोग ले रहे हैं मेरा सौभाग्य है कि मैं अपने इन मित्र के किसी कार्य आ रहा हूँ !)
Dear viewers, As per promise for free astro/jyotish guiedence I am coming with my new blog in your service. You can send your problems I will do my best to solve them . Astrology helps removing obstacles in the path of achieving goal. Astrology helps you getting what is in your bhagya but unable to get due to some planetary effect. Astrology is not a source of earning for me, I am a gazetted officer , I do research in astrology / jyotish .i have spend many years in Kathmandu to learn “Jyotish”.
Saturday, January 10, 2009
एक पत्र सुधि पाठकों के लिए
आदरणीय
मेरे प्रिय मित्र माधव जी के आलेख कुछ दिनों तक पोस्ट करने का दायित्व माधव जी ने मुझे दिया है। उनकी सामग्रियां मेरे द्वारा पोस्ट की जावेंगीं । आशा है आपका सहयोग उनको और मुझे मिलता रहेगा ।
सादर
गिरीश बिल्लोरे मुकुल
मेरे प्रिय मित्र माधव जी के आलेख कुछ दिनों तक पोस्ट करने का दायित्व माधव जी ने मुझे दिया है। उनकी सामग्रियां मेरे द्वारा पोस्ट की जावेंगीं । आशा है आपका सहयोग उनको और मुझे मिलता रहेगा ।
सादर
गिरीश बिल्लोरे मुकुल
Sunday, January 4, 2009
मेरा ब्लॉग : मेरी कोशिश
"माधव सिंह यादव की भविष्यवाणी"
मेरे मित्र ने अपने ब्लॉग मिसफिट एवं सव्यसाची पर मुझसे चर्चा कर पोस्ट लिखी जिसे आप सुधि पाठकों ने स्वीकारा और सराहा । आप सभी के प्रति कृतज्ञता .... अब आप मुझसे इस ब्लॉग पर उन समस्याओं का भी एक सर्व कालिक/सार्भौमिक निदान जान सकेंगे जो सामान्यत: जीवन की ले और गति को बाधित करतीं हैं। मेरा प्रयास होगा कि सप्ताह में कम से कम एक पोस्ट अवश्य प्रकाशित करुँ ।आप मुझसे यहाँ भी मिल सकतें हैं।
मेरे मित्र ने अपने ब्लॉग मिसफिट एवं सव्यसाची पर मुझसे चर्चा कर पोस्ट लिखी जिसे आप सुधि पाठकों ने स्वीकारा और सराहा । आप सभी के प्रति कृतज्ञता .... अब आप मुझसे इस ब्लॉग पर उन समस्याओं का भी एक सर्व कालिक/सार्भौमिक निदान जान सकेंगे जो सामान्यत: जीवन की ले और गति को बाधित करतीं हैं। मेरा प्रयास होगा कि सप्ताह में कम से कम एक पोस्ट अवश्य प्रकाशित करुँ ।आप मुझसे यहाँ भी मिल सकतें हैं।
श्री गणेशाय: नम:
मित्रो
सादर अभिवादन
मेरे मित्र श्री गिरीश बिल्लोरे : ने अपने ब्लाग्स पर ज्योतिष एवं एस्ट्रोलोजी परामर्श हेतु आपको सूचित किया था । अपने वादे के अनुसार आज से यह ब्लॉग आपकी सेवा में उपलब्ध होगा । आप अपनी समस्याओं के निराकरण एवं अन्य मार्ग-दर्शन हेतु अपने सवाल मुझे मेल कर सकतें हैं सामान्यत: एक बार में एक ही विषय पर सवाल के उत्तर देने में मुझे और आपको सहजता होगी।सामान्य ज्योतिषीय/एस्ट्रोलोजिकल आधार पर आपको नि:शुल्क परामर्श के वादे पर अडिग हूँ .......
परामर्श हेतु आप अपनी जन्म तिथि / जन्म स्थान /जन्म समय मुझे मेरे आई डी kathmandu.jyotish@gmail.com पर मेल करें ।
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