Monday, February 23, 2009

मेडिकल एस्ट्रोलोजी









पिछले दिनों इंग्लैंड से श्री सुरेश यादव का भारत आगमन हुआ. आप मुझसे मिलने जबलपुर भी आए जिसका में आभारी हूँ . श्री सुरेश से मेरी यह पहली मुलाक़ात थी इसके पूर्व इन्टरनेट पर ही मुझसे ज्योतिष परामर्श लिया करते थे . श्री सुरेश इंग्लैंड की सामाजिक , आर्थिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था से अत्यंत प्रभावित हैं और इंग्लैंड में ही बसने का मन बना चुके हैं . इंग्लैंड में प्रत्येक व्यक्ति का नेशनल इंश्योरेंस होता है प्रत्येक इंग्लैंडवासी की बीमारी में, डॉक्टर , दवाई , अस्पताल का संपूर्ण व्यय सरकार उठाती है . सीनियर सिटिज़न को सरकारी बस आदि में किराया नही लगता है , सभी व्यक्तियों के चेहरे पर सदैव मुस्कराहट रहती है , ऑफिस में यदि डांटा भी जाता है तो चेहरे पर क्रोध के भाव नही होते हैं , यदि कोई आपके रास्ते में जाए तो तुंरत आपको रास्ता देगा you first, प्रत्येक नागरिक का जन्म से लेकर मृत्यु तक का सम्पूर्ण लेखा जोखा सरकार के पास मिल जायेगा , किसी भी हॉस्पिटल से आप पता कर सकते हैं की कब आप बीमार पड़े किस डॉक्टर ने क्या medicine दी , मिनरल वाटर कोई नही पीता हे सब नल का पानी ही पीते हैं , swakchataa का standard पूरे विश्व में सबसे अच्छा इंग्लैंड में है . मैंने इंग्लैंड का बर्थ सर्टिफ़िकेट देखा है जिसमे जन्म समय सेकंड तक अंकित था . लिस्ट बहुत लम्बी है , हमें चाहिए की हम अच्छी बातों का ग्रहण करे .

कुछ वर्षों पूर्व साइंस कालेज की प्रोफ़ेसर को उनकी पुत्री की जन्म कुंडली देख कर सावधान किया की पुत्री को कभी भी नेत्र सम्बन्धी बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती हे यदि ऐसा हो तो तुंरत डॉक्टर से संपर्क करे . प्रोफ़ेसर महोदया ने तुरंत बच्ची को नेत्र विशेषज्ञ को दिखाया . बच्ची को नेत्र की कोई समस्या नहीं पायी गई . एक साल बाद अचानक बच्ची को नेत्र में कष्ट हुआ , प्रोफेसर महोदया को मेरी बातें याद आई , अविलंब नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क किया , डॉक्टर ने समस्या गंभीर बताते हुए नागपुर जाने को कहा . ज्योतिष सम्बन्धी उपाय किए , नागपुर में डॉक्टर से चिकित्सा हुई अब बच्ची आराम से है.

एक सज्जन ने अपने बच्चे की कुंडली दिखाते हुए नेत्र सम्बन्धी जानकारी चाही . कुंडली के अध्ययन से ज्ञात हुआ स्थिति ख़राब है, विशेषकर एक आँख की, तुंरत जांच हेतु डॉक्टर से कंसल्ट करने की सलाह दी. सज्जन ने बताया की डॉक्टर ने लेजर आपरेशन हेतु कहा है जिससे द्रष्टि पूर्णतया ठीक होकर चश्मा हट जायेगा. मुझे अच्छी तरह मालूम है की लेजर से चश्मा हट जाता है परन्तु ग्रह स्थिति इतनी ख़राब थी की चश्मा हटना सम्भव नही दिख रहा था . इस तथ्य से अवगत कराते हुए उन्हें किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाने की सलाह दी . कुछ माह बाद वह सज्जन आभार व्यक्त करने आए की शहर के एक नेत्र विशेषज्ञ ने लेजर आपरेशन के बाद चश्मा निश्चित उतर जायेगा ऐसा आश्वासन दिया था परन्तु आपके कहने पर शंकर औषधालय चेन्नई गए जहाँ जांच के बाद बताया गया की लेजर आपरेशन से नज़र ठीक होगी परन्तु चश्मा फिर भी लगेगा . उन सज्जन ने बताया की मुझे तुंरत आपकी याद आई . शक की कोई गुन्जाईश नही थी , वहीं आपरेशन कराया नजर काफ़ी सुधर गई .

ह्रदय को छू लेने वाली घटनाएँ भी सामने आती हैं . एक महिला जो ग्राम पंचायत सचिव है ने अपने दो माह के शिशु की कुंडली दिखाई की इसे हार्ट प्रॉब्लम है . शिशु बिल्कुल सामान्य दिख रहा था . कुंडली का अध्यन कर मैने उसे सचेत किया की समस्या अत्यन्त गंभीर है , हल्के में ना लें , आपरेशन कराना पड़ सकता है . महिला की आँखों में आंसू भर आए , उसने बताया की वह बच्चे को पुट्टपर्ती दिखा आई है , वहाँ आपरेशन के लिए कुछ माह बाद की तिथि दी गई है , यह भी कहा है की इस बीच सम्भव हो बाहर कंही आपरेशन करावा लें . महिला आर्थिक रूप से इतनी सक्षम नही थी की और कहीं आपरेशन करावा पाती. पुट्टपर्ती में नि:शुल्क समस्त इलाज किया जाता है हार्ट आपरेशन भी. यह नि:संदेह महान परोपकार का कार्य है . मैने ज्योतिषीय उपाय बताये और दिलासा दी की ईश्वर ने चाहा तो बच्चे को आपरेशन तक कुछ नही होगा . साधारण उपाय थे उन्होंने तुंरत किए और बताया की बच्चे की हालत में सुधार है आपरेशन की तिथि आने पर दम्पति बच्चे को लेकर पुटपर्ती पहुँच गए. विधि का विधान देखिये , अपना नंबर आने पर बच्चे को डॉक्टर को दिखाया तो बच्चा जीवन त्याग चुका था . क्योंकि बच्चा पैदा ही अल्प -आयु योग लेकर हुआ था . ज्योतिषीय उपायों ने जितनी संभावना थी उतनी आयु बड़ा दी , यदि आपरेशन सम्भव हो गया होता तो कुछ आयु और बढ जाती .

ईश्वर किए गए प्रयत्नौ (कर्म) का फल अवश्य देता है . चाहे वह आयु बढाने से सम्बंधित ही क्यूँ ना हो . हमने / सरकार ने प्रयत्न किए जिसके फलस्वरूप औसत आयु बढ़ी एवम मृत्यु दर में कमी आई. यह पूर्णतः ज्योतिषीय सिध्दांतों के अनुकूल है . ईश्वर दयालु है .

एक डॉक्टर की कुंडली से पता चला की वह डिप्रेशन की शिकार है . वह वास्तव में डिप्रेशन की शिकार निकली .

जबलपुर में जाने माने अस्थि विशेषज्ञ हैं , अनेक बार टी वी पर आ चुके हैं . अपने गंभीर एवम क्रोनिकल मरीजों को ज्योतिष के उपाय भी बताते है जिससे उन्हें लाभ होता है .

आयुर्वेद एवम ज्योतिष सदैव साथ रहे हैं . किस नक्षत्र में जड़ी प्राप्त करना है , किस नक्षत्र में तैयार करना है किस नक्षत्र में उपयोग किया जाता है . जिसका उल्लेख चरक संहिता में उपलब्ध है अच्छे वैद्य आज भी रोग निर्धारण हेतु ज्योतिष का सहारा लेते हैं .

श्री सुदीप सिकदर ने मुझसे promise किया है की मस्तिक सम्बन्धी रोगियों की जन्म तिथि आदि मुझे शीघ्र उपलब्ध कराएँगे ताकि उस क्षेत्र में पुन: शोध किया जा सके .

ज्योतिष की यह शाखा medical astrologyकहलाती है .




3 comments:

बाल भवन जबलपुर said...

sambandh to hai jyotis ka medicle ke saath
nice post

Unknown said...

health problems par aapke prediction hamesha ashcharya-janak nikale hein

Unknown said...

Jese kaha jata he ki "DAWA KE SAATH DUA BHI JARURI HOTI HE", ab ise kaha jayega ki "DAWA AUR DUA KE SATH JYOTISH BHI JARURI HOTI HE"....Its a nice blog